Monday, December 15, 2008

खतरे में दुनिया

आज दुनिया में पाकिस्तान की पहचान क्या है ? आतंकवादियों का पनाहगार देश...रहने के लिहाज से दुनिया का सबसे खतरनाक देश या फिर कुछ और ! पाकिस्तान पर ऐसे आरोप लगते रहते हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने 14 दिसंबर को इस्लामाबाद में कहा- "ब्रिटिश पुलिस ने हाल के वर्षों में हुई बड़ी आतंकी साजिशों की जांच के दौरान तीन चौथाई मामलों में पाकिस्तान स्थित अल-कायदा को शामिल पाया"। भारत ही नहीं पूरी दुनिया आतंकवाद का कनेक्शन किसी-न-किसी रुप में पाकिस्तान से देख रही है। हाल ही में एक किताब आई है... द मैन फ्राम पाकिस्तान-द ट्रू स्टोरी ऑफ वल्डर्स मोस्ट डेंजरस न्यूक्लियर स्मगलर ए क्यू खान। इस किताब में दावा किया गया है कि अमेरिका में 11 सितंबर के हमले से महज़ एक महीने पहले पाकिस्तान के दो परमाणु वैज्ञानिकों ने अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन से मुलाकात की थी और परमाणु हथियारों की पेशकश की। ये दोनों वैज्ञानिक ए क्यू खान के काफी करीबी बताए जाते हैं। इस किताब में कहा गया है कि चौधरी अब्दुल मजीद और सुल्तान बशिरुद्दीन महमूद अगस्त 2001 में कंधार में तालिबान के मुख्यालय गए थे और तीन दिन बिन लादेन के साथ बिताए थे, जो व्यापक विनास के हथियार हासिल करने का इच्छुक था। इस किताब से पहले अमेरिकी संसदीय समिति की एक रिपोर्ट आई थी। जिसमें कहा गया कि आतंकी संगठन अगले पांच साल के भीतर परमाणु हथियार से हमले की योजना बना रहे हैं। समिति ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार दुनिया के लिए खतरा बने हुए हैं। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के न्यूक्लियर मोनिटरिंग एजेंसी में इस बात का खुलासा किया गया था कि पाकिस्तान से लगातार परमाणु तकनीक लीक हो रही है। इसका खुलासा आईएईए के दस्तावेजों से हुआ। अब क्या बड़ा सवाल ये है कि क्या परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ लग चुके हैं ? अगर परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ लग चुके हैं तो उनका अगला निशाना कौन होगा? उसका कंट्रोल किसके पास है ? एक ये भी सवाल आ रहा है कि कहीं इन आतंकियों के परमाणु हथियार पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से ज्यादा ताकतवर तो नहीं हैं ? पाकिस्तान के पास जो परमाणु हथियार हैं वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं या नहीं ? भारत पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के हमेशा निशाने पर रहा है। इनके हमले लगातार बढ़ रहे हैं यानी सबसे ज्यादा खतरा भारत के सामने हैं। पाकिस्तानी जमीन से उपजते आतंकवाद की आग में भारत सबसे अधिक झुलसा है। ऐसे में भारत को जोश से नहीं पूरे होश से काम लेना होगा...क्योंकि दोस्त बदले जा सकते हैं पड़ोसी नहीं। इतिहास बनाया या बदला जा सकता है...भूगोल नहीं।

2 comments:

Kumar Kaustubha said...

badhia hai...

sabkiawaz said...

अच्छी शुरुआत है। बधाई...लिखते रहिए।